Friday, March 28, 2008

आसान नहीं है हिन्दी मैं लिखना

पिछले एक माह मैं प्रतिदिन पांच पांच घंटे की कड़ी म्हणत के बाद भी अभी कह नहीं सकता की कब तक ब्लॉग लिखने मैं कामयाब हो पाऊँगा हालांकि मेरी ताईपींग की गति बहुत अच्छी है उसके बाद भी और कई वरिस्थ ब्लागरों को पड़ने के बाद भी मैं अपने को इस लायक नही बना सका की तुरंत टाइप कर सकूं सोचा था पहली बार कोई धमाका करूंगा कुछ ऐसा लिख्हुंगा की पाठक बार बार पड़ने को बेताव हो जायेंगे लेकिन ऐसा नहीं सका कोशश जारी है कहते हैं ना कि हिम्मत ऐ मर्दा मदद ऐ खुदा

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