Saturday, May 03, 2008

साँस रोकने का वर्ल्ड रिकार्ड भारतीयों के नाम क्यों नहीं

``जमूरे!´´
``हां उस्ताद!´´
``अखबार देख के बता आज कौन सा तीर मारा विदेशियों ने, और फिर तैयारी कर ले कुछ वैसा ही करके कमाने की।
``उस्ताद! शिकांगों में `द ओपेरा विनफे्र शो´ में जादूगर डेविड ब्लेन ने एक गोले के अंदर सांस रोककर नया गिनीज वल्र्ड रिकार्ड बनाया है। उन्होंने इसमें 17 मिनट, 44 सैकेण्ड तक अपनी सांस को रोके रखा, इसके पहले यह रिकार्ड 16 मिनट 32 सैकेण्ड का था, जिसे 10 फरवरी को स्विट्जरलैण्ड के पीटर कोलेट ने बनाया था।´´
``जमूरे! तो तू उनसे भी ज्यादा यानी 20 मिनिट तक सांस रोकने का करतब जनता को दिखाना चाहता है।´´
``हां उस्ताद।´´
``जमूरे! ये करतब विदेशों में ही अच्छे लगते हैं। उनके लिये ये बहुत बड़ी बात है इसलिये नया गिनीज वल्र्ड रिकार्ड बन गया हमारे देश में तो ये आम बात है और ज्यादातर भारतियों को यह करतब आता है। विदेशियों को तो इस करतब के लिये महीनों प्रेिक्टस करने की जरूरत पड़ी होगी जबकि हमारे यहां तो बिना प्रेिक्टस के ही सांस रूकी रहती है।
``वो कैसे उस्ताद!´´
``देख, खाने के सामान के दाम आसमान छू रहे हैं जैसे ही लोग सुनते हैं कि गेहूं,चावल,तेल,शक्कर के दाम और बढ़ गये सबकी सांस रूक जाती है। और इस महंगाई की वजह से हमारे मनमोहन जी की सांस तो बहुत दिनों से अटक गई है लेकिन है न कमाल फिर भी चल रहे हैं।´´
``ये तो है उस्ताद।´´
``और सुन! आजकल भारत में अचानक नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ गये हैं अभी अभी खबर आई है कि हर 155 वें मिनट में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म हो रहा है। अब बता बच्चियों के बाहर जाने पर माता-पिता की सांस रूकी रहती है कि नहीं।´´
``बिलकुल सही बोले हो उस्ताद, आजकल पिता द्वारा बेटी से बलात्कार की खबरें भी तो ज्यादा आ रही हैं इस वजह से माताओं की सांस तो कुछ ज्यादा ही रूकी हुई है।´´
``अब देख तू भी सयाना हो चला है। कितनी बढ़िया बात कही तूने। हमारे देश में तो सांस रोकने की आदत सी हो गई है। मोहल्ले में बिजली वालों के आने की खबर सुनते ही सांस रूक जाती है, यूनिट पचास इस्तेमाल करते हैं बिल डेढ़ सौ का आता है तो सांस रूक जाती है, तीन दिन छोड़ कर नलों में पानी आता है किसी वजह से तीसरे दिन भी पानी नहीं आया तो सांस रूक जाती है, प्राइवेट नौकरी वालों का महीना 1 तारीख को होता है 15 तारीख को वेतन मिलता है उस पर भी मालिक 20 तारीख की बोल देता है तो सांस रूक जाती है, अपराध कोई करता है पुलिस वाले पकड़ कर किसी को ले जाते हैं और बिना चार्ज के सात-सात दिन थाने में बिठाये रखते हैं जब तक घरवालों की सांस रूकी रहती है।
``हां उस्ताद अभी अभी मैंने सुना था कि महाराष्ट्र में उत्तर भारतियों की भी सांसें रूकी हुई हैं।´´
``बिलकुल ठीक सुना था तूने। राज ठाकरे या बाल ठाकरे कुछ बोलते हैं या बाल ठाकरे सामना में कोई लेख उत्तर भारतीयों के खिलाफ लिखते हैं तो उत्तर भारतीयों की सांस अटक जाती है और उन महाराष्टियनों की तरफ तो कोई ध्यान ही नहीं दे रहा जिनकी सांसें इस डर से रूकी रहती हैं कि कहीं उत्तर भारत में भी महाराष्ट्र जैसा ही कुछ होने लगा तो क्या होगा।
``उस्ताद अब तो चुनाव आने वाले हैं अब तो परिणाम आने तक नेताओं की भी सांस रूकी रहेगी।´´
``बिलकुल ठीक कहा जमूरे। सांस के मामले में तो इनको भी भुगतना पड़ता है। चुनकर आने के बाद पांच साल कुछ करते नहीं हैं फिर चुनाव निबट जाने तक इनकी सांस भी अटकी रहती है। और तो और भारत में तो अब सरकारों की भी सांस रूक जाती है जब गठबंधन का कोई बड़ा दल समर्थन वापसी की धमकी देने लगता है।´´
``उस्ताद आजकल तो सारे क्रिकेटरों के साथ अपने शाहरूख भैया की भी सांसें अटकी पड़ी हैं। जब तक फाइनल नहीं हो जाता उनकी भी रूकी रहेंगी।´´
``ऐसे तो बहुत क्षेत्र हैं जमूरे! अभी अभी लोगों में अंतर्जाल पर ब्लॉगिंग का भूत सवार हुआ है, दिन रात एक करके लिखते हैं जब पढ़ने वाला एक भी नहीं मिलता तो उनकी भी सांस रूक जाती है।´´
``तो फिर मैं क्या करूं उस्ताद।´´
``सांस रोकने का करिश्मा करने की मत सोच कुछ और कर। जिनकी सांसें पहले से ही अटकी हुई हों वे ऐसे करतबों में रूचि नहीं लेते।

2 comments:

Admin said...

आपके लेखन का उत्कृष्ट नमूना...

दीपक भारतदीप said...

आप बहुत बढिया लिखते हैं यह कहना कम होगा बल्कि आप सत्य भी लिखते हैं. आपके ब्लोग को पढ़कर यही कहा जा सकता है की आप दिखावा पसंद नहीं करते.
दीपक भारतदीप