Sunday, April 13, 2008

हम करें तो चोरी और वो करें तो .....

ये आंक्लित खपत क्या है? बिजली घर में एक सज्जन ने मुझसे पूछा तो मैंने उसे बताया कि जो लोग चोरी कर के बिजली का इस्तेमाल करते हैं उन को बिजली वालों द्वारा दी जा रही सज़ा को आंक्लित खपत कहते हैं.
"लेकिन मैं तो चोरी करता ही नहीं हूँ." वो सज्जन बोले,"फिर भी मेरी ६० यूनिट के साथ १०० यूनिट आंक्लित खपत लग कर बिल में आई हैं."
इसका जबाव मेरे पास नहीं था. शायद किसी के पास भी नहीं है. जब आंक्लित खपत के बारे में उपभोक्ता संगठन आवाज़ उठाते हैं तो विधुत मंडल के आका मासूमियत भरा जबाव देते हैं कि आंक्लित खपत के लिए सभी जोन को चेतावनी दे दी गई है फिर भी यदि किसी के बिल में आंक्लित खपत लग कर आती है तो उपभोक्ता उसकी शिकायत करें.
मैंने उस दिन बिजली घर में हो रही भीड़ में पता किया तो अधिकतर आंक्लित खपत के बिल ही थे. हर बिल में बिजली घर कि तरफ से एक वाक्य छपा आता है "बिजली कि बचत कीजिये." और जोन के अधिकारियों का कहना है कि बिल में कम से कम १०० यूनिट आना आवश्यक है. अगर किसी के बिल में इससे कम यूनिट आती है तो हम ये मान लेते हैं कि वो चोरी कर रहा है.
कैसा अजीव सा नियम है ये. एक व्यक्ति ईमानदारी से कम से कम बिजली का इस्तेमाल करता है तो उसे प्रोत्साहित किया जाता है कि वो बिजली अधिक जलाये. नहीं तो बिना बिजली का इस्तेमाल किए वसूली कि जाती है. यदि किसी अधिक जागरूक ने आंक्लित खपत कि शिकायत करने कि कोशिश कि तो उसे डरा दिया जाता है कि आवेदन दे जाओ हम चेक करने आयेंगे तुम्हारे यहाँ लोड कितना है. आम आदमी चुप्पी लगा जाता है क्योंकि उसकी समझ में बिजली वालों का घर में आना ही मुसीबत का आना है.
मध्य प्रदेश में दिए जा रहे बिलों में बिल के पीछे आंक्लित खपत की परिभाषा दी गई है.
आंक्लित खपत - मीटर बंद अथवा ख़राब होने की दशा में पिछले माहों की खपत के आधार अथवा अन्य उचित आधार पर निश्चत की जाती है.
मैंने एक ऐसा बिल देखा जिसने नया कनेक्शन लिया था और उसका पहला ही बिल था उसमें भी १०० यूनिट आंक्लित खपत के लगे थे जबकि उसकी कुल मासिक खपत मात्र ५० यूनिट थी. १५० यूनिट का बिल वो चुपचाप भर कर निकल गया. शिकायत करने के बारे में उसका कहना था. "सब चोर हैं किससे शिकायत करें. कमाल की बात ये थी की दी गई परिभाषा में उसके बिल में लगाई आंक्लित खपत कहीं फिट नहीं हो रही थी.
हमें उन बिजली चोरों के हिस्से की सज़ा भुगतना पड़ रही है जो चोरी भी करते हैं और बचने के रास्ते भी जानते हैं लेकिन हमारी सरकारों के पास इसका कोई हल नहीं है. कयोंकि उसका तो एक ही मूलमंत्र है वसूली करो कैसे भी कहीं से भी.

1 comment:

smith786 said...

The new name for the "Aanklit Khapat" should be named "C.W.E.E.C.P.U.H.C.D.B.G" charges - "Corrupt & workless electricity engineers charges penalised upon honest cosumers devised by BJP government". Bhartiya upbhoktaon ko lootne ka ek aur tareeka - khud sarkar dwara.